वाइन उद्योग में कर्नाटक की भूमिका महत्वपूर्ण है |राष्ट्रव्यापी इस उद्योग में कर्नाटक दूसरे स्थान पर है, जिसमें पड़ोसी महाराष्ट्र पहले स्थान पर है| 2007 में राज्य में अंगूर प्रसंस्करण और वाइन नीती लागू हुई
यह नीति के कारण, उद्योग कर्नाटक में इतनी प्रभावी रूप से विकसित होने में सक्षम हुई|इसी कारण से, उस समय मौजूद रहने वाले वैनरियों की संख्या २ से अब बढ़कर १७ हो गई है | वाइन अंगूर उगाने वाला कुल क्षेत्रफल 500 हेक्टेयर से अब यह 2000 हेक्टेयर बढ़ गया है । वाइन की बिक्री 15 लाख लीटर से बढ़कर 86 लाख लीटर हो गई । बोर्ड के प्रबंध निदेशक सोमू टी कहना है कि, वाइन की बिक्री से आरम्भ में वार्षिक राजस्व 60 लाख रुपये था , जो अब वार्षिक आय 210 करोड़ हो गया है |हाल ही में, महिला वर्ग भी वैन की ओर आकर्षित होना बढ़ गया है , यह सौंदर्य प्रेमियों के लिए वाइन आधार बन गया है|
आजकल ब्यूटीपार्लोरोमें में भी वाइन अपना खदर दिखारहा है| कुछ लोगोंका कहना है कि, शहरी क्षेत्रों में, बहुत से लोग वाइन के सेवन के सकारात्मक प्रभाव के बारे में जानते हैं। लेकिन शराब की दुकानों में बेची जाती है, तो महिलाएं इसे खरीदने और सुचारू रूप से खरीदने के लिए शर्मिंदा कराती हैं। कस्बों और शहरों में शराब की बिक्री के लिए अलग व्यवस्था निश्चित रूप से उचित है। इससे यह समझ भी बढ़ेगी कि वाइन एक अलग लिकर है। बोर्ड के उत्पादकों के हितों में बोर्ड के कई कार्यक्रम और परियोजनाएं है|
बागवानी विभाग के सहयोग से चल रहे बोर्ड से वाइन अंगूर उगाने वाले किसानों को 50 हजार रुपयोंकी सब्सिडी मिलते हैं|
वाइनरी स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है। बगीचे की वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना के लिए सब्सिडी भी उपलब्ध हैं। वाइनरी सरकार द्वारा स्थापित किए जाते हैं और सरकार द्वारा प्रोत्साहित किए जाते हैं, ऐसे बोर्ड के एमडी सोमू बताते है।
सरकार वाइन उद्योग को भी बढ़ावा दे रही है| राज्य में वाइन की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्रों की पहचान,
वाइन उत्पादन संयंत्रों को बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के रूप में घोषित करना,
वाइन की खेती के लिए नियमों को सरल बनाएं और उत्पादन के लिए भूमि की खरीदी केलिए सरल नियम बनाना, राष्ट्रीयकृत बैंक कम ब्याज दरों पर उत्पादकों को ऋण देने की सलाह जैसे की विविध रूप से किसान अनुकूल योजनाएं|
==================
अनुवाद : संध्या सोरब
वाइन उद्योग में कर्नाटक दूसरे स्थान पर
वाइन की बिक्री से वार्षिक आय 210 करोड़
ब्यूटीपार्लोरोमें में भी वाइन अपना खदर
वाइन की खेती के लिए नियमों को सरल